Last Updated on May 2, 2025 by admin

हमारे देश भारत में मंदिरों का एक समृद्ध इतिहास है, जो न केवल धार्मिक आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि मानवता की सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोए हुए हैं। यहां हर राज्य में अलग-अलग कालखंडों से जुड़े प्राचीन मंदिर स्थित हैं। इन मंदिरों में न केवल पूजा-अर्चना होती है, बल्कि यह पुरानी सभ्यताओं, संस्कृति और कला के अद्भुत उदाहरण भी हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम दुनिया के कुछ सबसे पुराने मंदिरों के बारे में जानेंगे, जो न केवल अपनी धार्मिक महत्वता के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि इतिहास और कला के दृष्टिकोण से भी विशेष हैं।

1. गोबेकली टेपे (Göbekli Tepe) – तुर्की

  • उम्र: लगभग 12,000 साल पुराना

  • गोबेकली टेपे तुर्की में स्थित एक प्राचीन धार्मिक स्थल है, जिसे सबसे पुराना ज्ञात मंदिर माना जाता है। यह स्थल पाषाण काल के दौरान बनाया गया था और यहां पाए गए विशाल पत्थर के स्तंभ इसकी अद्वितीय वास्तुकला को दर्शाते हैं। इस मंदिर का महत्व धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अत्यधिक है।

2. लक्सर मंदिर (Karnak Temple) – मिस्र

  • उम्र: लगभग 4,000 साल पुराना

  • लक्सर मंदिर मिस्र के ऐतिहासिक शहर लक्सर में स्थित है और इसे कर्नक मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर प्राचीन मिस्र के देवता आमोन-राय को समर्पित था और इसकी वास्तुकला प्राचीन मिस्र की शानदार कला का उदाहरण प्रस्तुत करती है। यह मंदिर मिस्र के सबसे बड़े धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है।

3. सोलोमन्स टेम्पल (Solomon’s Temple) – येरुशलेम, इस्राइल

  • उम्र: लगभग 3000 साल पुराना (586 ईसा पूर्व ध्वस्त हुआ)

  • यह मंदिर लगभग 3000 साल पुराना था और यह प्राचीन इस्राइल के पहले राजा, सोलोमन्स द्वारा बनवाया गया था। इसे यहूदियों का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता था। हालांकि, यह मंदिर 586 ईसा पूर्व नबूकदनेजर द्वितीय द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था, लेकिन इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व आज भी बहुत गहरा है।

4. येरुशलेम का दूसरा मंदिर (Second Temple of Jerusalem) – येरुशलेम, इस्राइल

  • उम्र: लगभग 2,500 साल पुराना (ईसा पूर्व 516 में बना, 70 ईस्वी में ध्वस्त हुआ)

  • यह मंदिर येरुशलेम में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल था, जो यहूदी धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्व रखता था। इसका निर्माण ईसा पूर्व 516 में हुआ था और यह मंदिर पहले सोलोमन्स टेम्पल के स्थान पर बना था। इसे बाद में 70 ईस्वी में रोमियों ने ध्वस्त कर दिया था।

5. अंगकोर वाट (Angkor Wat) – कंबोडिया

  • उम्र: लगभग 900 साल पुराना (12वीं सदी)

  • अंगकोर वाट दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है और कंबोडिया के अंगकोर क्षेत्र में स्थित है। इसे खमेर साम्राज्य के दौरान 12वीं सदी में राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने बनवाया था। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी वास्तुकला और अद्वितीय शिल्प कला के लिए भी यह पूरे दुनिया में प्रसिद्ध है।

6. बोरबोडुर मंदिर (Borobudur) – इंडोनेशिया

  • उम्र: लगभग 1200 साल पुराना (8वीं से 9वीं सदी)

  • बोरबोडुर मंदिर इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित एक बौद्ध मंदिर है। यह मंदिर आठवीं से नौवीं सदी के बीच श्रीविजय साम्राज्य द्वारा बनाया गया था और यह बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र था।

7. काशी विश्वनाथ मंदिर – वाराणसी, भारत

  • उम्र: लगभग 3000 साल पुराना

  • काशी का मंदिर विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हिंदू धर्म के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों (चार धाम) में से एक है। यह मंदिर भारतीय संस्कृति, इतिहास और धार्मिक आस्था का प्रतीक है।

8. गंगोत्री मंदिर – उत्तराखंड, भारत

  • उम्र: लगभग 300 साल पुराना (18वीं सदी में निर्मित)

  • गंगोत्री मंदिर उत्तराखंड के गंगोत्री में स्थित है, जो हिंदू धर्म में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह मंदिर देवी गंगा को समर्पित है और इसका महत्व इसलिए है क्योंकि इसे भारत में गंगा नदी की उत्पत्ति स्थल माना जाता है। हालांकि मंदिर 18वीं सदी में बनाया गया था, लेकिन गंगा नदी के साथ इसका धार्मिक संबंध प्राचीन काल से रहा है।

9. सुब्रह्मण्यम मंदिर – तिरुचेंदुर, भारत

  • उम्र: लगभग 2,000 साल पुराना

  • तिरुचेंदुर में स्थित यह मंदिर भगवान सुब्रह्मण्यम (कार्तिकेय) को समर्पित है और यह तमिलनाडु का एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का इतिहास भी हजारों वर्षों पुराना है और इसे एक प्रमुख दक्षिण भारतीय धार्मिक स्थल माना जाता है।

10. प्रेआ विहियर मंदिर (Preah Vihear) – कंबोडिया

  • उम्र: लगभग 1,100 साल पुराना (10वीं सदी में निर्मित)

  • प्रेआ विहियर मंदिर कंबोडिया और थाईलैंड के सीमा क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म के देवता शिव को समर्पित है और यह 10वीं सदी में खमेर साम्राज्य द्वारा बनवाया गया था।

11. महालक्ष्मी मंदिर – मुंबई, भारत

  • उम्र: लगभग 300 साल पुराना (18वीं सदी में निर्मित)

  • मुंबई में स्थित महालक्ष्मी मंदिर एक प्रमुख हिंदू मंदिर है जो देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इसका इतिहास 18वीं सदी का है और यह समुद्र के किनारे स्थित है।

12. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर – तिरुवनंतपुरम, भारत

  • उम्र: लगभग 500 साल पुराना (16वीं सदी में निर्माण)

  • केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

13. केदारनाथ मंदिर – उत्तराखंड, भारत

  • उम्र: लगभग 1,000 साल पुराना

  • केदारनाथ मंदिर हिंदू धर्म के चार धामों में एक महत्वपूर्ण मंदिर है और यह भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर हिमालय पर्वत की एक ऊंची चोटी पर स्थित है और हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

14. तिरुपति थोली तिरुपति मंदिर – आंध्र प्रदेश, भारत

  • उम्र: लगभग 1,000 साल पुराना

  • तिरुपति थोली तिरुपति मंदिर भगवान विष्णु के रूप श्री वेंकटेश्वर को समर्पित है। यह मंदिर दुनिया में सबसे अधिक आय अर्जित करने वाला मंदिर है और इसके दर्शन के लिए श्रद्धालु भारत और विदेशों से आते हैं।

15. कैलाशनाथ मंदिर – कांची, भारत

  • उम्र: लगभग 1,400 साल पुराना (7वीं सदी)

  • कैलाशनाथ मंदिर कांचीपुरम में स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इसे चोल काल के दौरान 7वीं सदी में बनाया गया था और यह दक्षिण भारत के मंदिरों में अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।

16. बृहदेश्वर मंदिर – तंजावुर, भारत

  • उम्र: लगभग 1,015 साल पुराना (1010 ईस्वी में बना)

  • बृहदेश्वर मंदिर तंजावुर, तमिलनाडु में स्थित है और इसे चोल साम्राज्य के राजा राजराजा चोल द्वारा 1010 ईस्वी में बनवाया गया था। यह मंदिर हिंदू धर्म के भगवान शिव को समर्पित है और इसकी वास्तुकला अद्वितीय है।

निष्कर्ष

दुनिया के इन प्राचीन मंदिरों का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यधिक है। ये मंदिर न केवल हमारे पूर्वजों की श्रद्धा का प्रतीक हैं, बल्कि यह उन कालखंडों की वास्तुकला, विज्ञान और कला का भी अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इन मंदिरों के द्वारा हम न केवल धार्मिक आस्थाओं से जुड़े रहते हैं, बल्कि पुरानी सभ्यताओं के बारे में भी जानने का अवसर प्राप्त करते हैं।

इन मंदिरों की यात्रा करने से हमें न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह हमारे इतिहास और संस्कृति से जुड़ने का भी एक अनमोल अवसर होता है।

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